कक्षा 11-आरोह अध्याय 4-विदाई – संभाषण का समाधान
कक्षा 11-आरोह अध्याय 4-विदाई – संभाषण का समाधान
बालमुकुंद गुप्त, जिन्हें आमतौर पर स्वामी बालमुकुंद गुप्त के नाम से जाना जाता है, भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, कवि और साहित्यकार थे। उनका जन्म 14 नवम्बर सन् 1865 को हरियाणा के रोहतक जिले में स्थित गुड़ियानी ग्राम में हुआ था। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया और अपनी कविताओं के माध्यम से लोगों को प्रेरित किया।
बालमुकुंद गुप्त के लेखन में राष्ट्रीय भावनाओं, स्वतंत्रता प्रेम के विषय पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उनकी कविताएँ देशभक्ति, स्वतंत्रता, वीरता और गर्व के विषयों पर लिखी गई हैं। उन्होंने अपने कविताओं में भारतीय संस्कृति, ऐतिहासिक घटनाओं और वीर योद्धाओं की महिमा को महसूस कराया।
बालमुकुंद गुप्त की कविताओं में उनकी रचनात्मकता और आत्मसात का अद्वितीय संगम होता है। उनकी कविताओं के माध्यम से वे अपने पाठकों को संगठित और व्यंग्यात्मक सोच के साथ प्रेरित करते हैं। उनकी शैली सरल और सुंदर होती है और उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से जनमानस को जागृत किया।



