कक्षा 10 अध्याय 4 सुमित्रानंदन पंत – पर्वत प्रदेश में पावस का समाधान
कक्षा 10 अध्याय 4 सुमित्रानंदन पंत – पर्वत प्रदेश में पावस का समाधान सुमित्रानंदन पंत एक महान कवि थे जिनका जन्म 20 मई 1900 को उत्तराखंड के कौसानी में हुआ था और उनका निधन 28 दिसंबर 1977 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनकी रचनाएं छायावादी धारा के तहत आती हैं और उनकी मुख्य कृतियों में ‘पल्लव’, ‘पीतांबरा’ और ‘सत्यकाम’ शामिल हैं।सुमित्रानंदन पंत के रचनाकारिता का महत्त्वपूर्ण स्थान हिंदी साहित्य में है। उनकी शायरी, कहानियाँ और नाटक छायावादी शैली में लिखी गई हैं। उन्होंने जीवन के विभिन्न पहलुओं को अपनी रचनाओं में बखूबी दर्शाया है। पंत की रचनाओं में स्वदेश और प्रकृति के प्रति उनकी अत्यंत लगाव था। उन्होंने अपनी रचनाओं से जनता को जागरूक करने का प्रयास किया था।सुमित्रानंदन पंत ने अपनी कविताओं में विभिन्न विषयों पर लिखा, जैसे कि प्रकृति, प्रेम, घरेलू जीवन, देशभक्ति, समाजवाद आदि। उनकी रचनाओं में छायावाद का प्रभाव अधिक होता है। पंत ने कई महत्वपूर्ण कृतियों को भी लिखा जैसे “पल्लव”, “पीतांबरा”, “सत्यकाम”, “गुलाबी गाथा”, “चिदंबरम”, “युग युग से हैं हम” आदि। उनकी रचनाओं में स्पष्ट भाव, उदात्तता और सुंदर छन्द आते हैं। पंत ने हिंदी साहित्य के उन लेखकों में से एक हैं, जिनकी रचनाओं ने भारतीय साहित्य को गौरवान्वित बनाया है।