कक्षा 10 अध्याय 12 भदंत आनंद कौसल्यायन-संस्कृति का समाधान कक्षा 10 अध्याय 12 भदंत आनंद कौसल्यायन-संस्कृति का समाधान भदंत आनंद कौसल्यायन: जीवनी कक्षा 10 अध्याय 12 भदंत आनंद कौसल्यायन-संस्कृति का समाधान भदंत आनंद कौसल्यायन का जन्म 5 जनवरी, 1905 को एक बहुत संपन्न परिवार में हुआ था। उनके पिता लाला रामशरण दास एक प्रसिद्ध वैद्य थे और उनकी माता जीवन देवी एक समाजसेवी थी। भदंत आनंद के बचपन का नाम हरिनाम था। वे अपने जीवन के शुरुआती दिनों में अपने घर के पास ही स्थित एक शांतिपूर्ण गांव में रहते थे। भदंत आनंद कौसल्यायन भारतीय साहित्य के प्रसिद्ध नामों में से एक हैं। उनकी रचनाओं ने हमेशा लोगों को प्रेरणा दी है। भदंत आनंद का जन्म 5 जनवरी, 1905 को उत्तर प्रदेश के फैजाबाद शहर में हुआ था। उनके पिता का नाम लाला रामशरण दास था जो एक आर्य समाजी थे। भदंत आनंद का बचपन का नाम हरिनाम था। भदंत आनंद कौसल्यायन की शिक्षा बचपन से ही बहुत महत्वपूर्ण थी। उन्होंने शुरुआत में स्कूल में पढ़ाई की थी। बाद में उन्होंने वाराणसी के हिन्दू विश्वविद्यालय से अपनी बीए डिग्री प्राप्त की। साहित्य के प्रति रूचि भदंत आनंद कौसल्यायन को बचपन से ही साहित्य का शौक था। वह बचपन में बड़ी ध्यान से बच्चों के लिए लिखी गई कहानियों को पढ़ते थे। बाद में उन्होंने खुद लिखना शुरू किया और अपनी पहली किताब “उषा” लिखी।