कक्षा 10 अध्याय 1 माता का अँचल का समाधान

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शिवपूजन सहाय

शिवपूजन सहाय, जो हिंदी के प्रसिद्ध उपन्यासकार, कहानीकार, सम्पादक और पत्रकार थे, उनका जन्म 9 अगस्त 1893 को शाहाबाद, बिहार में हुआ था और मृत्यु 21 जनवरी 1963 को पटना में हुई। उनका बचपन का नाम भोलानाथ था। वे हिंदी की प्रतिष्ठित पत्रिका मतवाला के संपादक-मंडल में भी रहे थे।

शिवपूजन सहाय ने अपने जीवन के दौरान कई महत्वपूर्ण कृतियों की रचना की जो हिंदी साहित्य के इतिहास में अमर रही हैं। उनकी प्रमुख रचनाओं में से कुछ शीर्षक हैं: ‘भूला बिसरा’, ‘प्रतिज्ञा’, ‘दीपशिक्षा’, ‘मरणोत्तर’ और ‘स्वर्णधारा’।

उन्होंने हिंदी साहित्य के लिए अपने अनुभवों और विचारों को दर्शाने के लिए अपनी रचनाओं में विभिन्न मुद्दों को उठाया। उनकी लेखनी अत्यंत सरल, सुगम और पारंपरिक भारतीय संस्कृति को दर्शाती है। उन्होंने हिंदी साहित्य के लिए अपने योगदान के लिए कई सम्मानों से सम्मानित किया गए।

उनकी रचनाओं में गंभीरता और विश्वास की भावना थी, जो समाज को एक सकारात्मक दृष्टिकोण देती थी। शिवपूजन सहाय ने अपने जीवन के दौरान एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जो हिंदी साहित्य के लिए स्थायी रूप से यादगार रहेगा।

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