कक्षा 9 क्षितिज अध्याय 1-दो बैलों की कथा का समाधान
कक्षा 9 क्षितिज अध्याय 1-दो बैलों की कथा का समाधान
वास्तव में प्रेमचंद 31 जुलाई 1880 को वाराणसी के नजदीक लमही गांव में जन्मे थे। उनके पिता का नाम अजायब राय था।
प्रेमचंद के पिता डाकखाने में एक लिपिक के रूप में काम करते थे। उनके परिवार में धन की कमी रहती थी लेकिन उन्होंने अपनी कला और लेखनी के दम पर अपने जीवन को समृद्ध किया। प्रेमचंद ने अपनी कहानियों के माध्यम से आम जनता की समस्याओं और दुखों को अभिव्यक्त किया और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में मदद की।
प्रेमचंद की रचनाओं में ‘गोदान’, ‘नमक का दारोगा’, ‘शतरंज के खिलाड़ी’, ‘इधर उधर’, ‘सेवा सदन’, ‘करमभूमि’ आदि उनकी महत्वपूर्ण रचनाएं हैं। उन्होंने हिंदी साहित्य को एक नई दिशा दी और अपनी लेखनी के माध्यम से समाज को जागृत करने का काम किया। उनकी कहानियों में जीवन के असली तथ्यों को दर्शाने की खासियत थी जो उन्हें एक समाज सुधारक के रूप में मशहूर करती है।
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