कक्षा 11-इतिहास पाठ 4 – तीन वर्ग का समाधान

कक्षा 11-इतिहास पाठ 4 – तीन वर्ग का समाधान

तीन वर्ग एक सामाजिक व्यवस्था की एक प्रमुख विशेषता हैं। इन वर्गों को आधार पर समाज को वर्गीकृत किया जाता है और व्यक्तियों के सामाजिक स्थान को निर्धारित किया जाता है।

पहला वर्ग ब्राह्मण (ब्राह्मणों) को सम्मिलित करता है, जो सामाजिक, शिक्षा, और धार्मिक कार्यों में निर्देशन करते हैं। ब्राह्मण वर्ग धार्मिक और ज्ञान-प्रधान कार्यों को संभालता है और समाज के आदर्शों की स्थापना करता है।

दूसरा वर्ग क्षत्रिय (राजनीतिक और सैन्य क्षेत्र में कार्यरत) को सम्मिलित करता है। इस वर्ग के सदस्यों का कार्य होता है राजनीतिक शासन का संचालन करना, सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालना और युद्ध में भाग लेना।

तीसरा वर्ग वैश्य (व्यापारिक और व्यापारिक क्षेत्र में कार्यरत) को सम्मिलित करता है। यह वर्ग वाणिज्यिक गतिविधियों में लगे रहता है और व्यापार, वाणिज्यिक उत्पादन और व्यापार सम्बन्धित कार्यों को संचालित करता है।

ये तीन वर्ग समाज के विभिन्न क्षेत्रों में अपने कार्यों को सम्पादित करते हैं और समाज के संतुलन और सुख-शांति की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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