कक्षा 11-आरोह अध्याय 7-जामुन का पेड़ का समाधान
कक्षा 11-आरोह अध्याय 7-जामुन का पेड़ का समाधान
कृष्णचंदर, जिन्हें अधिकतम लोग श्री कृष्णचंदर के नाम से जानते थे, भारतीय साहित्यकार और कवि थे। उनका जन्म 23 नवम्बर 1914 को हुआ था और उनकी मृत्यु 8 मार्च 1977 को हुई। कृष्णचंदर ने हिंदी साहित्य में अपना महत्त्वपूर्ण स्थान बनाया।
कृष्णचंदर की कविताएं, कहानियाँ और लेखन उनके विवेचना बुद्धि, भावुकता और व्यक्तिगत अनुभवों की गहराई को प्रकट करते हैं। उनके लेखन का मुख्य ध्येय समाजिक एवं मानविकी मुद्दों पर चिन्तन करना था और उन्होंने इसे अपने काव्य में सुंदरता के साथ प्रस्तुत किया।
कृष्णचंदर को उनके लेखन के लिए कई पुरस्कार और सम्मान से नवाजा गया है। उन्होंने आपत्तिजनक मुद्दों पर खुलकर अपनी विचारधारा व्यक्त की और साहित्यिक जगत में अपनी महत्त्वपूर्ण उपस्थिति बनाई। उनका काव्य और साहित्य आज भी हिंदी साहित्य के मध्यम से लोगों के दिलों में समाया हुआ है और उन्हें सम्मानित किया जाता है।