कक्षा 11-आरोह अध्याय 2-मियाँ नसीरुद्दीन का समाधान

कक्षा 11-आरोह अध्याय 2-मियाँ नसीरुद्दीन का समाधान

कृष्णा सोबती, जिन्हें असली नाम रसीकराम भाई जोशी था, एक गुजराती लेखक और कवि थे। उनका जन्म गुजरात में 18 फरवरी 1925 को हुआ था। वे हिंदी और गुजराती भाषाओं में अपनी रचनाओं को लिखते थे। कृष्णा सोबती की रचनाओं में समाज की भूमिका, आत्मनिर्भरता, स्वतंत्रता के मुद्दे और स्त्री उत्थान को महत्वपूर्ण रूप से उजागर किया गया है।

उनकी प्रमुख कृतियों में ‘ज़िन्दगीनामा’, ‘बायले दीकरे’, ‘समकालिन गुजराती कविता’ आदि शामिल हैं। उनके लेखन को साहित्य अकादमी पुरस्कार की मान्यता मिली, जिसे उन्हें 1980 में ‘ज़िन्दगीनामा’ के लिए प्रदान किया गया।

कृष्णा सोबती का विचारधारा माध्यम से सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर विचार करना था। उनकी रचनाओं में नागरिकता, स्वतंत्रता, विचारशीलता और मानवीय संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उनकी कहानियों और कविताओं में संघर्ष, समाजिक असमानता, मनोवैज्ञानिकता और आत्माविश्वास के विषयों पर गंभीरता से विचार किया गया है।

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