कक्षा 10 अध्याय 2 मीरा – पद का समाधान

कक्षा 10 अध्याय 2 मीरा – पद का समाधान

मीराबाई भारत की अनुपम संत-कवियों में से एक हैं। उनकी रचनाएं भक्ति के प्रभाव से भरी हुई हैं। उन्होंने अपनी रचनाओं में भगवान के प्रति अपनी अटल श्रद्धा और विश्वास को व्यक्त किया है।

मीराबाई का जन्म सन 1503 ई. संवत् (1560) में मध्य प्रदेश के मेड़तिया के राठौर रत्न सिंह के घर हुआ था। उन्होंने अपने पति के साथ भक्ति के मार्ग पर चलने का निर्णय लिया था। इससे पहले भी उन्होंने समाज सेवा और धर्म के कार्यों में अपना समय दिया था।

मीराबाई की रचनाएं अत्यंत प्रसिद्ध हैं जिनमें से ‘उपाधि मरुस्थल की मंदाकिनी’ एक है। इसमें सुमित्रानंदन पंतप्रमुख रस विप्रलंभ शृंगार के रस को व्यक्त किया गया है।

डॉ नागेंद्र ने उनकी 11 पुस्तकें बताई हैं, जिसमें से ‘स्फुटपद पदावली’ को प्रमाणित माना गया है। मीराबाई की रचनाओं में उनकी अंतरात्मा और उनके विश्वास का विशेष महत्त्व है।

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