कक्षा 10 अध्याय 10 मन्नू भंडारी-एक कहानी यह भी का समाधान
जीवनी
कक्षा 10 अध्याय 10 मन्नू भंडारी-एक कहानी यह भी का समाधान
मन्नू भंडारी का जन्म 3 अप्रैल 1931 को मध्यप्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम सुखसम्पत राय था और माता का नाम अनूप कुमारी था। वह अपने जीवन के पहले साढ़े पाँच साल तक बंदा, मध्यप्रदेश में गुजारीं जहां उनके पिता एक अध्यापक थे।
मन्नू भंडारी को शिक्षा में दिलचस्पी थी, और वह बचपन से ही अलग-अलग शहरों में रहकर अपनी शिक्षा पूरी करती रहीं। उन्होंने अपनी बेहतरीन शिक्षा के कारण भारतीय साहित्य के लिए एक उत्कृष्ट लेखिका बनी।
बचपन और शिक्षा
उनके लेखन की शैली
मन्नू भंडारी का लेखन बहुत सरल और सुगम होता था। उनकी शैली में संगठन की खूबियां थीं जो उनके लेखों को आसानी से समझने में मदद करती थीं। वह अपनी शैली में एक सामान्य मानवीय संवेदनशीलता को दिखाती थीं।
मन्नू भंडारी के लेखों में व्यापक ज्ञान और विस्तृत जानकारी होती थीं जो उन्हें लोगों के बीच अनुपम बनाती थीं। उन्होंने बहुत सारी किताबें लिखीं थीं जो अनेक विषयों पर आधारित थीं। उनकी रचनाएँ सामाजिक मुद्दों, नारी समाज और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर आधारित थीं।
उनके श्रेष्ठ रचनाएँ
मन्नू भंडारी की कई रचनाएँ बहुत लोकप्रिय हुईं थीं। उन्होंने ‘अमर बेल’, ‘बादल की बेटी’, ‘भरत का भ्रम’ जैसी अनेक उत्कृष्ट कहानियों की रचना की थीं। उनकी लेखनी के जरिए उन्होंने बहुत सारी समस्याओं का समाधान किया था।
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