कक्षा 9 क्षितिज अध्याय 3-उपभोक्तावाद की संस्कृति का समाधान
कक्षा 9 क्षितिज अध्याय 3-उपभोक्तावाद की संस्कृति का समाधान
श्यामाचरण दुबे का जन्म 25 जुलाई 1922 को मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई उमरिया, जबलपुर और नागपुर में की। बाद में उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से मास्टर्स डिग्री हासिल की। श्यामाचरण दुबे ने भारतीय साहित्य में अपनी अलग पहचान बनाई जिसके कारण वे आज भी पढ़े जाते हैं और उनकी किताबें लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं।
श्यामाचरण दुबे भारत के जाने माने लेखक थे जिन्होंने अपने जीवन के दौरान कई उपन्यास, कहानियां, नाटक और लेखन संबंधी किताबें लिखीं। उनकी लेखनी में भारतीय सामाजिक व्यवस्था, संस्कृति और मानवीय रिश्तों का विस्तृत वर्णन होता है। उनकी सबसे प्रसिद्ध पुस्तकों में से कुछ हैं – “कफ़न पहनते लोग”, “अगले जनम मोटी”, “देवदूत ने बाज़ार में बाँधा”, “दो बैलों की कथा” और “नागमति”। श्यामाचरण दुबे को साहित्य अकादमी पुरस्कार समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।
![कक्षा 9 क्षितिज अध्याय 3-उपभोक्तावाद की संस्कृति का समाधान](https://kambozsir.com/wp-content/uploads/2023/05/11-5-724x1024.png)
![](https://kambozsir.com/wp-content/uploads/2023/05/12-5-724x1024.png)
![](https://kambozsir.com/wp-content/uploads/2023/05/13-5-724x1024.png)