कक्षा 10 अध्याय 4 सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’-उत्साह/अट नहीं रही है का समाधान कक्षा 10 अध्याय 4 सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’-उत्साह/अट नहीं रही है का समाधान सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’: जीवन परिचय और उपलब्धियां उत्साह/अट नहीं रही है भूमिका सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ भारतीय साहित्य के महान कवि हैं। वे हिंदी के श्रेष्ठ कवि में से एक हैं जिन्होंने अपनी अनूठी रचनाओं के लिए साहित्यिक जगत में अमरत्व प्राप्त किया है। निराला की जीवनी और उपलब्धियों के बारे में इस लेख में विस्तार से जानकारी दी गई है। अध्याय 4-उत्साह जीवन परिचय बचपन का समय सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का जन्म 21 फरवरी 1896 को पूर्वी उत्तर प्रदेश के माउना में हुआ था। उनके पिता ने उन्हें शिक्षा दिलाने के लिए बोर्डिंग स्कूल में दाखिल करवाया था। वह अपनी कविताएं लिखना शुरू कर दिया था जब वह नौ साल का था। शिक्षा निराला ने विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी की। उन्होंने उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय से अपनी बैचलर ऑफ आर्ट्स डिग्री हासिल की। उन्होंने फिर दिल्ली विश्वविद्यालय से डिप्लोमा इन एजुकेशन भी हासिल किया| कवि के रूप में उभरते हुए निराला को उनकी कविताओं और रचनाओं के लिए सबसे अधिक याद किया जाता है। उन्होंने अपनी पहली कविता 1913 में प्रकाशित की थी। वे कविताएं लिखने के साथ-साथ समाज के लिए भी लड़ाई लड़ते रहे। उनकी कविताओं में अमरता, स्वतंत्रता, समानता, और भावुकता का आभास होता है। उपलब्धियां निराला ने अपनी रचनाओं से हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। उन्होंने विभिन्न विषयों पर शेर, ग़ज़ल, गीत, रचनाएं लिखी हैं। उन्होंने कई साहित्यिक पुरस्कार भी जीते हैं। उनकी प्रसिद्ध कविताएं मशहूर हैं – ‘अखिल भारतीय कवि सम्मेलन’, ‘परिवर्तन’, और ‘सरोज स्मृति’। कक्षा 10 हिंदी अध्याय 4-“उत्साह/अट नहीं रही है-किताब अध्याय 5 -यह दन्तुरित मुस्कान नागार्जुन का हल