कक्षा 11-आरोह अध्याय 10-मीरा का समाधान

कक्षा 11-आरोह अध्याय 10-मीरा का समाधान

मीराबाई, एक प्रसिद्ध भक्ति कवयित्री थीं जिन्हें हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त हुआ है। उनका जन्म सन् 1498 ईसवी में राजस्थान के कुर्की गांव में हुआ था। उनके पति का नाम महाराजा भोज राज था जो उदयपुर के महाराजा थे। मीराबाई की रचनाएं विशेष रूप से “गीत गोविंद का टीका”, “गरबा गीत”, “राग सोरठ” के पद आदि परम्परागत भजनों पर आधारित हैं। मीराबाई का निधन सन् 1546 ईसवी में हुआ।

मीराबाई को बचपन से ही भक्ति की ओर आकर्षण था। उन्होंने भक्ति के पथ पर चलते हुए साधना और समर्पण की प्रतीक्षा की। मीराबाई की कविताओं में उनके प्रेम और भक्ति के आदर्श मिश्रित होते हैं।

मीराबाई ने अपने गीतों के माध्यम से भगवान के प्रति अपनी आत्मीयता और समर्पण का व्यक्त किया। उनके गानों में अनन्य भक्ति, प्रेम, वैराग्य और दिव्यता की अद्वितीय अनुभूति होती है। उनकी रचनाएं लोगों को धार्मिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।

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