अध्याय 2-संघवाद का समाधान
अध्याय 2-संघवाद का समाधान
संघवाद एक ऐसी विचारधारा है जिसमें समाज के सभी सदस्य एक-दूसरे के साथ संगठित होकर शासन का काम करते हैं। यह एक ऐसा संगठन है जो देश के नेतृत्व और संचालन को लोगों के साझेदारी से संभव बनाता है। इस प्रकार के संगठन का मूल मकसद लोगों के हितों की रक्षा करना होता है। संघवाद का समाधान समाज के सभी सदस्यों को एक साथ लेना होता है। समाज के लोगों के बीच एक मजबूत एकता बनाए रखने के लिए संघवाद एक महत्वपूर्ण उपाय होता है।
संघवाद का हल उन अस्थायी समस्याओं का समाधान करता है जो सामाजिक विभेद, असमानता और असुरक्षा से उत्पन्न होती हैं। एक ताकतवर समुदाय जो समाज की उन समस्याओं का समाधान करता है जो समाज को अधिकारों, न्याय और समानता से वंचित करती हैं।
संघवाद का हल उन समस्याओं का समाधान करता है जो जाति, धर्म, वर्ग और क्षेत्र आधारित होती हैं। इसमें सभी वर्गों, जातियों और समुदायों के लोगों की भागीदारी शामिल होती है।
घवाद के हल की बात करते हुए, संघवाद एक ऐसी व्यवस्था होती है जिसमें एक राज्य अथवा संघ का संगठन सदस्यों के एक समूह से बनता है। इसके लिए सदस्यों को एक साथ रहना और समान नियमों का पालन करना पड़ता है।
इसका समाधान इस प्रकार हो सकता है कि संघवाद में सदस्यों को एक स्थान से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाती है, जिससे वे आपस में तनाव का सामना करने के लिए मजबूर होते हैं। अतः समाधान के रूप में, सदस्यों को इस विषय पर अधिक स्पष्टता देने के लिए एक सामान्य संविधान के विकास एवं अनुपालन की जरूरत होगी। इसके अलावा, सदस्यों के बीच नैतिक मूल्यों और संवैधानिक अधिकारों का समान वितरण भी होना चाहिए।