कक्षा 10 अध्याय 13 रवींद्र केलेकर – पतझर में टूटी पत्तियाँ: गिन्नी का सोना का समाधान
कक्षा 10 अध्याय 13 रवींद्र केलेकर – पतझर में टूटी पत्तियाँ: गिन्नी का सोना का समाधान
रवींद्र केलेकर एक जाने-माने लेखक थे, जिनका जन्म 1925 में हुआ था और मृत्यु 2010 में हुई थी। वे भारतीय साहित्य में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले लेखकों में से एक थे।रवींद्र केलेकर की रचनाओं में आम आदमी की समस्याओं के विवेचन, सामाजिक और राजनैतिक विषयों पर विचार और समाज को सचेत करने का विशेष उल्लेख है। उन्होंने साहित्य के क्षेत्र में अपनी अमिट योगदान के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार जैसे विभिन्न पुरस्कार भी प्राप्त किए हैं।
उनकी रचनाओं का विषयवस्तु विभिन्न था, लेकिन वे सभी सामाजिक समस्याओं के ऊपर आधारित थे। उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों की समस्याओं को उजागर किया और इन समस्याओं के समाधान के लिए विभिन्न समाजसेवी कार्यक्रमों का आह्वान किया।
रवींद्र केलेकर एक जाने-माने संवादक भी थे और उन्होंने राष्ट्रीय ध्येय को सामने रखकर देश में सामाजिक एकता और सामान्य जनता की भलाई के लिए काम किया। उनकी रचनाएं और विचार वर्तमान समाज को अपनी समस्याओं से निपटने के लिए एक उत्तेजना प्रदान करते हैं।
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