कक्षा 10 अध्याय 1 कबीर – साखी का समाधान
कबीर साखी का समाधान
कबीर दास का जन्म संभवतः 1398 ई. के आस-पास वाराणसी शहर में हुआ था। वह संत-कवि थे जो अपनी जीवन-गाथा और दोहों के माध्यम से लोगों को समझाने का प्रयास करते थे। कबीर दास के दोहे विभिन्न विषयों पर होते हैं, जिनमें ज्ञान, भक्ति, आध्यात्मिकता, समाज, राजनीति, समझौता और स्वतंत्रता आदि शामिल हैं।
उनकी दोहे आम लोगों की जीवन-अनुभूतियों को दर्शाते हैं और समस्याओं के समाधान के लिए उनका प्रयोग किया जाता है। उनके दोहे सुनने से मन की शांति होती है और लोगों के जीवन में प्रभाव डालते हैं।
उनके दोहे में दूसरों के साथ अनुशासन, समझौता और एकता के महत्त्व को बताया गया है। कबीर दास ने भी उस समय की समाजिक और आर्थिक समस्याओं को उठाया जब सामाजिक विभेद, जातिवाद, धर्म-शास्त्रों का प्रभाव, अशिक्षा और आर्थिक दुर्बलता जैसी समस्याएं समाज को पीड़ित कर रही थीं।
उनकी रचनाएँ उनके समय में तो अधिक चर्चित नहीं थीं, लेकिन आज उन्होंने एक अलग ही स्थान हासिल किया है। उनके दोहे आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं और उनकी भक्ति और आध्यात्मिकता को उन्नत करते हैं। इनके अलावा उनके ग्रंथों में भी अमूल्य ज्ञान है। उन्होंने जीवन के असली उद्देश्य को बताया है और लोगों को सच्ची आनंद की तलाश में अपने अंतर को जानने के लिए प्रेरित किया है।
कबीर – साखी का समाधान
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