कक्षा 11-आरोह अध्याय 14-अक्कमहादेवी का समाधान
कक्षा 11-आरोह अध्याय 14-अक्कमहादेवी का समाधान
अक्का महादेवी एक प्रमुख कवियित्री थी, जो 12वीं शताब्दी में दक्षिण भारत के कर्णाटक राज्य में जन्मी थी। वह मधुरा नगरी (मैसूर जिला) के निकटस्थ संस्कृत कॉलेज में सुधींद्र योगी के अध्ययन में थीं। उन्होंने वीरशैव संत बसवेश्वर के साहित्यिक रचनाओं का अध्ययन किया और उनका समीक्षा और प्रशंसा की। अक्का महादेवी के गीत एवं वचनों में शिव-शक्ति, प्रेम, जीवन की उपयोगिता, ध्यान और आत्मसंयम जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण विचार व्यक्त होते हैं। उनकी कविताएँ अक्कमहादेवी वचनसंचय नामक पुस्तक में संकलित हैं। अक्का महादेवी की रचनाओं में उनकी अद्वितीय भावनाओं और अनूठी भाषा का विस्तार होता है, जिसने उन्हें कवियित्री के रूप में मशहूरी दिलाई। उनका काव्य भारतीय साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है।
अक्का महादेवी की कविताओं में उनके आत्मनिर्भर और स्वतंत्र मन की प्रशंसा की जाती है। वे जीवन के मामलों को अपनी अद्वितीय दृष्टि से देखती थीं और साहित्य माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त करती थीं। उनकी कविताओं में अक्का महादेवी अकेलापन, स्वाधीनता और मानवीय सम्बन्धों की गहराई को छूने की क्षमता रखती थीं।
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