कक्षा 11-अंतरा अध्याय 3-टार्च बेचने वाले का समाधान

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हरिशंकर परसाई (जन्म: 22 अगस्त, 1922, मृत्यु: 1995) एक प्रख्यात हिंदी कवि, लेखक और वक्ता थे। उन्हें हास्य और सत्यनाश की रचनाओं के लिए अच्छी पहचान मिली है।

हरिशंकर परसाई को छोटी उम्र से ही कविताओं और कहानियों का शौक था। उन्होंने अपने लेखन में जीवन के विभिन्न पहलुओं को हंसी और सत्य से दर्शाने का प्रयास किया। उनके लेखन में व्यांग्य, विचारशीलता और आम आदमी के मामलों पर गहरा प्रभाव था।

हरिशंकर परसाई की कविताएं, कहानियाँ, और निबंध उनकी अनूठी रचनात्मकता को प्रकट करती हैं। उन्होंने समाज के विभिन्न अंगों पर उचित नजर रखी और उनके कविताओं में व्यांग्यिक रूप से व्यक्त किया। उनके लेखन में व्यांग्य, विचारशीलता और सामाजिक बदलाव के प्रति जागरूकता का आभास होता है।

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