कक्षा 11-अंतरा अध्याय 10-सूरदास का समाधान
कक्षा 11-अंतरा अध्याय 10-सूरदास का समाधान
महाकवि श्री सूरदास जी (जन्म: 1478 ई., रुनकता क्षेत्र) एक प्रसिद्ध हिंदी कवि थे। उनका निधन 1583 ई. में हुआ।
सूरदास जी को भगवान श्रीकृष्ण का भक्त माना जाता है और उनकी रचनाएं प्रेम और भक्ति के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी कविताओं में उनके गहरे आदर्शों, प्रेम और दिव्यता का प्रतिबिंब मिलता है।
सूरदास जी की प्रमुख रचनाओं में “सूर सागर”, “सूर सरावली”, “भ्रमरगीत” आदि शामिल हैं। उनकी कविताएं हिंदी साहित्य के महत्वपूर्ण भाग मानी जाती हैं और उनका योगदान साहित्यिक धरोहर के रूप में मान्यता प्राप्त करता है।
सूरदास जी के रचनात्मक कोटि और उनकी अमूल्य योगदान को याद करते हुए हमें गर्व महसूस होता है। उनकी कविताओं में अमरता है और उनकी रचनाएं हमेशा हमारे हृदय में बसी रहेंगी। सूरदास जी के जीवन और काव्य को जानने से हमें उनकी भक्ति और प्रेम की गहरी अनुभूति होती है।